मनोविज्ञान के प्रौफेसर किताब पढ़ रहे थे..
प्रौफेसर (पत्नी से): शीला इस किताब में लिखा है कि कभी कभी पिता की अक्लमंदी उसके बेटे की राह में रुकावट बन सकती है.
पत्नी : चलो फिर तो इस लिहाज़ से हमें अपने बेटे के लिए चिंता करने की जरूरत नहीं!
मनोविज्ञान के प्रौफेसर किताब पढ़ रहे थे..
प्रौफेसर (पत्नी से): शीला इस किताब में लिखा है कि कभी कभी पिता की अक्लमंदी उसके बेटे की राह में रुकावट बन सकती है.
पत्नी : चलो फिर तो इस लिहाज़ से हमें अपने बेटे के लिए चिंता करने की जरूरत नहीं!