ये रूठना , मनाना अदाएँ हैं मोहब्बत की
चटपटा न हो तो खाने में मज़ा क्या है ?
Month: February 2017
Religious Shayari – ना कोई राह़ आसान चाहिए ना
ना कोई राह़ आसान चाहिए,,,
ना ही हमें कोई पहचान चाहिए,,,
एक चीज माँगते रोज भगवान से,,
सब लोगों के चेहरे पे हर पल,,,
प्यारी सी मुस्कान चाहिये !!!
Religious Shayari – ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं श्री पद्मावती देव्यै नमः
तूम कृपालु, मैं कमजोर माते!
तेरे जोर पे में इतराता हूँ
तेरी कृपा से माते!
मैं अंधेरो में भी आगे बढ़ता जाता हूँ
जय पारस जय माँ पद्मावती..
Religious Shayari – कोई सलीका है आरज़ू का
कोई सलीका है आरज़ू का, ना बंदगी मेरी बंदगी है,
यह सब तुम्हारा करम हे श्रीनाथ की बात अब तक बनी हुई है
II जय श्री कृष्णा II
Religious Shayari – नहीँ चाहिए मुझे ऐसी खुशी
नहीँ चाहिए मुझे
ऐसी खुशी जो तुझ से दूर कर दे…!
मै राजी हूँ ऐसे दुखो मे भी जो
तुझ को याद करने पर मजबूर कर दे.
जय श्री कृष्णा
Qayamat Shayari – हमारी ही रूह को वजूद
हमारी ही रूह को वजूद से जुदा कर गया
एक शक्स ज़िंदगी में आया क़यामत की तरह
Qayamat Shayari – हुस्न वालों को क्या जरूरत
हुस्न वालों को क्या जरूरत है संवरने की
वो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं|
Qayamat Shayari – आज मुझसे पूछा किसी ने
आज मुझसे पूछा किसी ने कयामत का मतलब ,
और मैंने घबरा के कह दिया रूठ जाना तेरा…
Qayamat Shayari – तुम नफरत का धरना कयामत
तुम नफरत का धरना कयामत तक जारी रखो,
मैं प्यार का इस्तीफा जिंदगी भर नहीं दूंगा
Qayamat Shayari – रब किसी को किसी पर
रब किसी को किसी पर फ़िदा न करे,
करे तो क़यामत तक जुदा न करे,
ये माना की कोई मरता नहीं जुदाई में,
लेकिन जी भी तो नहीं पाता तन्हाई में