ढून्ढ रहे हे मगर नाकाम रहे अब तक ,
वो लम्हा जिस मैं तू याद न आया हो..!!
Month: March 2017
Lamha Shayari – मैं ख़ामोशी तेरे मन की
मैं ख़ामोशी तेरे मन की, तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा…
मैं एक उलझा लम्हा, तू रूठा हुआ हालात मेरा…
Lamha Shayari – एक उम्र है जो तेरे
एक उम्र है जो तेरे बगैर गुज़ारनी है,
और एक लम्हा भी तेरे बगैर गुज़रता नही…
Lamha Shayari – मेरी ज़िन्दगी में एक ऐसा
मेरी ज़िन्दगी में एक ऐसा शक्श भी है,
जो मेरी पूरी ज़िन्दगी है और मै उसका एक लम्हा भी नही…
Lamha Shayari – वो मेरी पूरी जिंदगी है… क्या
वो मेरी पूरी जिंदगी है…
क्या मैं उसका,
एक लम्हा भी नहीं..?
Lamha Shayari – मैंने उस शख्स को कभी
मैंने उस शख्स को कभी हासिल ही नहीं किया,
फिर भी हर लम्हा लगता है कि, मैंने उसे खो दिया…..
Lamha Shayari – मैं वक़्त बन जाऊं तू
मैं वक़्त बन जाऊं, तू बन जाना कोई लम्हा…
मैं तुझमे गुज़र जाऊं, तू मुझमें गुज़र जाना…
Lamha Shayari – अगर जिंदगी में जुदाई ना
अगर जिंदगी में जुदाई ना होती;
तो कभी किसी की याद आई ना होती;
साथ ही गुजरता हर लम्हा तो शायद;
रिश्तों में इतनी गहराई ना होती।!!!!
Lamha Shayari – महसूस खुद को तेरे बिना
महसूस खुद को तेरे बिना मैंने कभी किया नहीं।
तू क्या जाने लम्हा कोई मेने कभी जिया नहीं!!!
Koshish Shayari – तू मिले या ना मिले
तू मिले या ना मिले ये तो और बात है,
मैं कोशिश भी ना करू, ये तो गलत बात है !!!!