ज़िन्दगी मिली भी तो क्या मिली,बन के बेवफा मिली…..
इतने तो मेरे गुनाह ना थे,जितनी मुझे सजा मिली…
Month: January 2018
Bewafa Shayari – वो बदल गयी वक्त की मजबूरियाँ
वो बदल गयी,वक्त की मजबूरियाँ बोलकर..
साफ शब्दों में खुद को,बेवफा न बोली..
Bewafa Shayari – इतना भी हमसे नाराज़ मत
इतना भी हमसे नाराज़ मत हुआ करो,
बदकिस्मत ज़रूर हैं हम मगर बेवफा नहीं।
Bewafa Shayari – कहने लगी है अब तो
कहने लगी है अब तो, मेरी तन्हाई भी मुझसे…
मुझसे ही कर लो मोहब्बत, मैं तो बेवफा भी नही…
Betiya Shayari – दहेज में बहू क्या लायी
दहेज में बहू क्या लायी ये तो
सभी ने पूछा ,
लेकिन एक बेटी क्या-क्या छोड़ आयी
ये किसी ने पूछा ही नहीं ..!!
Berukhi Shayari – शिकायत न करना किसी से
शिकायत न करना किसी से बेरुखी की..
इंसान की फितरत ही होती है.
जो चीज़ पास हो उसकी कद्र नही करता.!
Berukhi Shayari – अब शायद उसे किसी से
अब शायद उसे किसी से मुहब्बत ज़ुरुर हो ।
मैं छीन लाया हूँ उस से उम्र भर की बेरुख़ी
Berukhi Shayari – ये तेरी बेरुख़ी की हम
ये तेरी बेरुख़ी की हम से आदत ख़ास टूटेगी,
कोई दरिया न ये समझे कि मेरी प्यास टूटेगी,
तेरे वादे का तू जाने मेरा वो ही इरादा है,
कि जिस दिन साँस टूटेगी उसी दिन आस टूटेगी.
Berukhi Shayari – तेरी बेरुखी को भी रुतबा
तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने ,
तेरे प्यार का हर क़र्ज़ अदा किया हमने,
मत सोच के हम भूल गए है तुझे ,
आज भी खुदा से पहले याद किया है तुझे.
Berukhi Shayari – बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी
बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी ,
फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी !