रोज़ रोते हुए कहती है ये ज़िंदगी मुझसे
सिर्फ एक शख्स कि खातिर मुझे बर्बाद मत कर ….
Month: August 2018
Barbaad Shayari – सोचा था की ख़ुदा के
सोचा था की ख़ुदा के सिवा मुझे कोई बर्बाद कर नही सकता…
फिर उनकी मोहब्बत ने मेरे सारे वहम तोड़ दिए…….
Barbaad Shayari – दर्द है दिल में पर
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता,
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में,
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता…
Badnaam Shayari – निकले थे कुछ अच्छा करने
निकले थे कुछ अच्छा करने, पर बदनाम हो गए…
अब अफसोस क्या करना जब सरेआम हो गये…!!
Barbaad Shayari – बर्बाद कर के मुझे उसने
बर्बाद कर के मुझे उसने पूछा, करोगे फिर मुहब्बत मुझसे ?………
लहू लहू था दिल मगर होंठों ने कहा…”इंशा-अल्लाह”….!!
Barbaad Shayari – जब मैंने कहा तुम्हारी जुदाई
जब मैंने कहा तुम्हारी जुदाई, बर्बाद कर देगी मुझे
तो उसने बड़े तल्ख़ लहज़े में कहा, बर्बाद हज़ारो है एक तुम भी सही
Bechain Shayari – हमारी मोहब्बत जरूर अधूरी रह
हमारी मोहब्बत जरूर अधूरी रह गयी होगी पिछले जन्म मे,
वरना इस जन्म की तेरी ख़ामोशी मुझे इतना बेचैन न करती
Barbaad Shayari – यूँ ना बर्बाद कर मुझे
यूँ ना बर्बाद कर मुझे, अब तो बाज़ आ दिल दुखाने से ।
मै तो सिर्फ इन्सान हूँ, पत्थर भी टूट जाता है, इतना आजमाने से ।
Badnaam Shayari – आओ ….. ताल्लुकात को कुछ
आओ ….. ताल्लुकात को कुछ और नाम दें,
ये दोस्ती का नाम तो बदनाम हो गया..
Badnaam Shayari – तू बदनाम ना हो सिर्फ इसलिये
तू बदनाम ना हो,
सिर्फ इसलिये जी रहा हूं मै
वरना तेरी चौखट पे मरने का
इरादा तो रोज़ ही होता है…..