Benaqab Shayari – बाम-ए-मीना से माहताब उतरे दस्त-ए-साक़ी में S4S January 30, 2018 Uncategorized Comments बाम-ए-मीना से माहताब उतरे दस्त-ए-साक़ी में आफ़ताब आये हर रग-ए-ख़ूँ में फिर चराग़ाँ हो सामने फिर वो बेनक़ाब आये