तेरी बेरूखी ने ये क्या सिला दिया मुझे
ज़हर गम-ए-जुदाई का पिला दिया मुझे
बहुत रोया बहुत तड़पा कई रातों तक मैं
पर तुमने एक कतरा भी आँसू नहीं दिया मुझे
तेरी बेरूखी ने ये क्या सिला दिया मुझे
ज़हर गम-ए-जुदाई का पिला दिया मुझे
बहुत रोया बहुत तड़पा कई रातों तक मैं
पर तुमने एक कतरा भी आँसू नहीं दिया मुझे