मेरी फितरत ही कुछ ऐसी है कि,
दर्द सहने का लुत्फ़ उठाता हु मैं…
Category: Fitrat Shayari
Fitrat Shayari – नहीं चाहिए वो जो मेरी
नहीं चाहिए वो जो मेरी किस्मत में नहीं ,
भीख मांग कर जीना मेरी फितरत में नहीं..!!
Fitrat Shayari – सिखा दिया दुनिया ने मुझे
सिखा दिया दुनिया ने मुझे, अपनो पर भी शक करना।
फितरत में तो गैरों पर भी भरोसा करना था ! …
Fitrat Shayari – दिल है कदमों पे किसी
दिल है कदमों पे किसी के सर झुका हो या न हो,
बंदगी तो अपनी फ़ितरत है, ख़ुदा हो या न हो।
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Fitrat Shayari – ये दिल तुम्हारे पास गिरवी
ये दिल तुम्हारे पास गिरवी है, इसलिए तुम्हारी कदर करते हैं….
वरना तेरी जो फितरत है .. वो नफरत के भी काबिल नही …….
Fitrat Shayari – मेरी फितरत में नहीं अपना
मेरी फितरत में नहीं अपना गम बयां करना;
अगर तेरे वजूद का हिस्सा हूँ तो महसूस कर तकलीफ मेरी…
Fitrat Shayari – जो मुँह तक उड़ रही
जो मुँह तक उड़ रही थी, अब लिपटी है पाँव से,
बारिश क्या हुई मिट्टी की फितरत बदल गई……..
Fitrat Shayari – मैं आईना हूँ टूटना मेरी
मैं आईना हूँ टूटना मेरी फितरत है,
इसलिए पत्थरों से मुझे कोई गिला नहीं।