पत्थर की दुनिया जज़्बात नही समझती,
दिल में क्या है वो बात नही समझती,
तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है,
पर चाँद का दर्द वो रात नही समझती।
Category: Jazbaat Shayari
Jazbaat Shayari – दिखावे की मोहब्बत तो जमाने
दिखावे की मोहब्बत तो जमाने को हैं हमसे पर…,,
ये दिल तो वहाँ बिकेगा जहाँ ज़ज्बातो की कदर होगी ll
Jazbaat Shayari – दिल के जज्बातों की हिफाजत
दिल के जज्बातों की हिफाजत करें भी तो कैसे….?
महफूज तो धड़कन भी नहीं होती सीने में….!
Jazbaat Shayari – कुछ और जज्बातो को बेताब
कुछ और जज्बातो को बेताब किया उसने,
आज मेहंदी वाले हाथो से आदाब किया उसने..!!
loading...
Jazbaat Shayari – केवल अल्फ़ाज़ों की बात थी जज़्बात
केवल अल्फ़ाज़ों की बात थी,
जज़्बात तो तुम वैसे भी नहीं समझते …!!
Jazbaat Shayari – दिल से मिलो तो सज़ा
दिल से मिलो तो सज़ा देते हैं लोग…
सच्चे जज्बात भी ठुकरा देते हैं लोग..
कोई नही मिलाता दो प्यार करने वालों को…
बैठे हुऐ दो परिंदों को भी उडा देते है लोग..
Jazbaat Shayari – बात तो सिर्फ जज़्बातों की
बात तो सिर्फ जज़्बातों की है वरना,
मोहब्बत तो सात फेरों के बाद भी नहीं होती
Jazbaat Shayari – हैं दर्द सीने में मगर
हैं दर्द सीने में मगर होंठों पे जज़्बात नहीं आते..
आखिर क्यों वापिस वो बीते हुए लम्हात नहीं आते !