मिलके बिछड़ना दस्तूर है जिंदगी का,
एक यही किस्सा मशहूर है जिंदगी का,
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते,
यही सबसे बड़ा कसूर है जिंदगी का ।
Category: Kasoor Shayari
Kasoor Shayari – बेक़सूर ज़िंदगी इल्ज़ामों से घिरी
बेक़सूर ज़िंदगी इल्ज़ामों से घिरी रही
कसूरवार हँसता रहा मुझ पर ताउम्र …..
Kasoor Shayari – मेरी आवारगी में कुछ कसूर
मेरी आवारगी में कुछ कसूर तुम्हारा भी है….
ऐ.. दोस्त
जब तुम्हारी याद आती है तो घर अच्छा नही लगता……..
Kasoor Shayari – एक ग़ज़ल तुम्हारे लिए जरूर
एक ग़ज़ल तुम्हारे लिए जरूर लिखेंगे..
बे-हिसाब उसमे तुम्हारा कसूर लिखेंगे
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Kasoor Shayari – यार सुना है इश्क से
यार सुना है इश्क से तेरी बहुत बनती है ,
एक एहसान कर,उस से मेरा कसूर तो पूछ…!
Kasoor Shayari – तुम्हें नींद नहीं आती तो
तुम्हें नींद नहीं आती तो कोई और वजह होगी..
अब हर ऐब के लिए कसूरवार इश्क तो नहीं..!!
Kasoor Shayari – कुछ इस अदा से तोड़े
कुछ इस अदा से तोड़े है ..ताल्लुक उसने ..!!!!!
…कि
एक मुद्दत से ढूंढ़ रहा हूँ ..कसूर अपना .!!!!!
Kasoor Shayari – नजरों में दोस्तों की जो
नजरों में दोस्तों की जो इतना खराब है,
उसका कसूर ये है कि वो कामयाब है।
Kasoor Shayari – नींद से क्या शिकवा जो
नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं रात भर,
कसूर तो उस खयाल का है जो सोने नही देता..
Kasoor Shayari – हर बार मिली है मुझे
हर बार मिली है मुझे अनजानी सी सज़ा,
मैं कैसे पूछूं तकदीर से मेरा कसूर क्या है।