कभी मिले मेरा मेहबूब तो उनको खबर करना
अकेला हूँ कोई नहीं आया मेरी जिंदगी में ।।
Category: Mehboob Shayari
Mehboob Shayari – आज नज़र ने आईने को
आज नज़र ने आईने को यह बोल कर ठोकर मारी,
मुझे खुद की नहीं मेरे मेहबूब की नज़र में संवरना है !!
Mehboob Shayari – ये शिकवा बेवजह है ये
ये शिकवा बेवजह है ये तो दस्तूर-ए-चाहत हैं
के जो मेहबूब होता हैं ज़रा मग़रूर होता हैं
Mehboob Shayari – कोई मोहब्बत का सजदा कर
कोई मोहब्बत का सजदा कर मेहबूब ना पा सका,
कोई मेहबूब का सजदा कर मोहब्बत को पा गया !!
Mehboob Shayari – बदनाम क्यों करते हो तुम
बदनाम क्यों करते हो तुम इश्क़ को ए दुनिया वालो
मेहबूब तुम्हारा बेवफा है तो इश्क़ का क्या कसूर
Mehboob Shayari – इश्क़ करने से पहले पूछी
इश्क़ करने से पहले,
पूछी नहीं जाती ज़ात मेहबूब की;
चलो कुछ तो है इस दुनिया में,
जो आज तक मज़हबी नहीं हुआ…
Mehboob Shayari – हमसे भुलाया ही नहीं जाता
हमसे भुलाया ही नहीं जाता एक मुखलिश का प्यार,
लोग जिगर वाले है रोज़ नया मेहबूब बना लेते हैं।
Mehboob Shayari – इन बादलों का मिज़ाज मेरे
इन बादलों का मिज़ाज मेरे मेहबूब
से काफी मिलता है,
कभी टुटके बरसाते है तो कभी
बेरुखी से गुजर जाते है..!!
Mehboob Shayari – ख्वाबो मेँ मैने मेरे मेहबूब
ख्वाबो मेँ मैने मेरे मेहबूब के बालो को क्या सवाराँ…..
दिनभर हाथोँ से खुशबू आती रही…..
Mehboob Shayari – संगमरमर बन जाऐ तो ताज
संगमरमर बन जाऐ तो
ताज कहना
मेरे मेहबूब मेरी निगाहो के नही रूह के ही पास रहना !!