लोग कहते हैं कि वक़्त किसी का ग़ुलाम नहीं होता,
फिर ‘तेरी मुस्कराहट’ पे वक़्त क्यूँ थम सा जाता है…!!!
Category: Muskurahat Shayari
Muskurahat Shayari – वजह पूछ मत तू मेरे
वजह पूछ मत तू मेरे रोने कि
तेरी मुस्कराहट पे ख़ुशी के दो आंसू गिर गए….
Muskurahat Shayari – ऐ फ़िक्र….. इतना न इतरा
ऐ फ़िक्र….. इतना न इतरा अपने होने पर,
मेरी मुस्कराहट ही काफी है तेरा वजूद मिटाने के लिए.
Muskurahat Shayari – तेरी आँखों का वोड़का… तेरी मुस्कराहट
तेरी आँखों का वोड़का…
तेरी मुस्कराहट का चखना..
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Muskurahat Shayari – मुस्कराहट भी मुस्कराती है …… जब
मुस्कराहट भी मुस्कराती है ……
जब वो आपके होंठो से होकर आती है…..
Muskurahat Shayari – मुस्कराहट यूँ मेरे दिल के
मुस्कराहट यूँ मेरे दिल के जख्मों को छुपा लेती है,
माँ जैंसे अपने बच्चों के ऐबों को सबसे छुपा लेती है…
Muskurahat Shayari – सुबह का मतलब मेरे लिए
सुबह का मतलब मेरे लिए सूरज निकलना नही,
तेरी मुस्कराहट से दिन शुरू होना है…
Muskurahat Shayari – एक ऐसा भी वक़्त होता
एक ऐसा भी वक़्त होता है,
जब मुस्कराहट भी आह होती है..!!
Muskurahat Shayari – क़ुर्बान हो जाऊं मुस्कराहट पे
क़ुर्बान हो जाऊं मुस्कराहट पे तुम्हारे,
या इसे देखकर जीने का एक बहाना ढूंढ लूं…
Muskurahat Shayari – मैं अपने मुस्कराहट की आड़
मैं अपने मुस्कराहट की आड़ में अपनी बेचैनी छुपा लेता हूँ,
मुस्कुराहटें सबके साथ बाँटी जा सकती हैं, बेचैनी नहीं…