हक-ए-बंदगी इस तरह अदा किया हमने।
सभी की नज़र में तुझे खुदा किया हमने।।
Category: Nazar Shayari
Nazar Shayari – ना जाने तुझे कैसा ये
ना जाने तुझे कैसा
ये हुनर आता है
मैं तेरे प्रेम से बच कर
जाऊं तो कहाँ जाऊं
तू मेरी सोच की हर दहलीज़
पे नज़र आता है.
Nazar Shayari – यहाँ भला कौन अपनी मर्ज़ी
यहाँ भला कौन अपनी मर्ज़ी से जी रहा है
सभी इशारे तेरी नज़र से बंधे हुए हैं
Nazar Shayari – ख़ुशी थे..तुम मेरे.. पर..नाजाने कब.. मेरी.. ख़ुशी
ख़ुशी थे..तुम मेरे..
पर..नाजाने कब..
मेरी.. ख़ुशी को..
किसी की..
नज़र लग गई..
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Nazar Shayari – नज़र में रखा नज़र भर के
नज़र में रखा,
नज़र भर के नहीं देखा,
नज़र न लग जाए उसे,
मैंने उसकी तरफ नहीं देखा।
Nazar Shayari – नजर और नसीब के मिलने का
नजर और नसीब के मिलने का इत्तफाक कुछ ऐसा है कि,
नजर को पसंद हमेशा वही आता है ,जो नसीब मे नही होता…!!
Nazar Shayari – तुम जब भी मिलो तो नजरे
तुम जब भी मिलो तो नजरे उठा कर मिला करो जान-ए-जाना
मुझे पसंद है तुम्हारी आँखों में अपना चेहरा देखना…..!!
Nazar Shayari – मैंने तो देखा था बस एक
मैंने तो देखा था बस एक नजर के खातिर….
क्या खबर थी की रग रग मे समां जाओगे तुम….