हमारी ही रूह को वजूद से जुदा कर गया
एक शक्स ज़िंदगी में आया क़यामत की तरह
Category: Qayamat Shayari
Qayamat Shayari – हुस्न वालों को क्या जरूरत
हुस्न वालों को क्या जरूरत है संवरने की
वो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं|
Qayamat Shayari – रब किसी को किसी पर
रब किसी को किसी पर फ़िदा न करे,
करे तो क़यामत तक जुदा न करे,
ये माना की कोई मरता नहीं जुदाई में,
लेकिन जी भी तो नहीं पाता तन्हाई में
Qayamat Shayari – तुम नफरत का धरना कयामत
तुम नफरत का धरना कयामत तक जारी रखो,
मैं प्यार का इस्तीफा जिंदगी भर नहीं दूंगा
Qayamat Shayari – आज मुझसे पूछा किसी ने
आज मुझसे पूछा किसी ने कयामत का मतलब ,
और मैंने घबरा के कह दिया रूठ जाना तेरा…
Qayamat Shayari – मुझे मेरे कल कि फ़िक्र
मुझे मेरे कल कि फ़िक्र तो ……आज भी नहीं ….पर…..
ख्वाहिश ….तुम्हें पाने कि…. क़यामत तक रहेगी..
Qayamat Shayari – मेरी आँखों में झाँकने से
मेरी आँखों में झाँकने से पहले ज़रा सोच लीजिए,
जो हमने नजरे झुका ली तो क़यामत होगी,
और हमने नज़रें मिला ली तो मोहब्बत होगी।।
Qayamat Shayari – तेरे चेहरे पे ये मासूमियत
तेरे चेहरे पे, ये मासूमियत भी खूब जमती है..
क़यामत आ ही जाएगी ज़रा-सा मुस्कुराने से..
Qayamat Shayari – क़यामत की रात है अब
क़यामत की रात है अब आखिरी कोशिश कर ले
मरने से पहले एक बार जीने की ख्वाहिश कर ले
Qayamat Shayari – क़यामत टूट पड़ती है ज़रा
क़यामत टूट पड़ती है ज़रा से होठ हिलने पर
जाने क्या हश्र होगा जब वो खुलकर मुस्कुराएंगे