वो भला क्यूँ कदर करते हमारे अश्को की
सुना है सावन उनके शहर पर कुछ ज्यादा मेहरबान रहता है..।।
Category: Sawan Shayari
Sawan Shayari – फूल से दोस्ती करोगे तो
फूल से दोस्ती करोगे तो महक जाओगे;
सावन से दोस्ती करोगे तो भीग जाओगे;
हमसे करोगे तो बिगड़ जाओगे;
और नहीं करोगे तो किधर जाओगे।
Sawan Shayari – सावन-भादों साठ ही दिन हैं
सावन-भादों साठ ही दिन हैं फिर वो रुत की बात कहाँ
अपने अश्क मुसलसल बरसें अपनी-सी बरसात कहाँ
Sawan Shayari – जब चले जाएँगे हम लौट
जब चले जाएँगे हम लौट के सावन की तरह….!
याद आयेंगे प्रथम प्यार के चुम्बन की तरह..
Sawan Shayari – अब के सावन में ये
अब के सावन में ये शरारत मेरे साथ हुई,
मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई.
Sawan Shayari – पतझड़ दिया था वक़्त ने
पतझड़ दिया था वक़्त ने सौगात में मुझे..
मैने वक़्त की जेब से ‘सावन’ चुरा लिया…!!
Sawan Shayari – मुझे मालूम है तूमनें बहुत
मुझे मालूम है तूमनें बहुत बरसातें देखी है…
मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है
Sawan Shayari – तेरा उलझा दामन मेरी अंजुमन
तेरा उलझा दामन मेरी अंजुमन तो नहीं,
जो मेरे दिल में है शायद तेरी धड़कन तो नहीं,
यू यकायक मुझे बरसात की क्यों याद आई,
जो घटा है तेरी आँखों में वो सावन तो नहीं.
Sawan Shayari – रोक कर बैठे हैं कई
रोक कर बैठे हैं कई समंदर आँखों में
दगाबाज़ हो सावन तो क्या…
हम खुद ही बरस लेंगे…
Sawan Shayari – जितना हँसा था उससे ज़्यादा
जितना हँसा था उससे ज़्यादा उदास हूँ
आँखों को इन्तज़ार ने सावन बना दिया…