सुबह होती नही शाम ढलती नही
न ज़ाने क्या खूबी है आप में
आप को याद किए बिना खुशी मिलती नही
Category: Shaam Shayari
Shaam Shayari – एक सवेरा था जब हँस
एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम
और
आज कई बार
बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है…
Shaam Shayari – तुम मेरी जिंदगी मे ऐसे
तुम मेरी जिंदगी मे ऐसे शामिल हो..
जैसे मंदिर के दरवाजे पर बंधे हुए मन्नत के धागे….
Shaam Shayari – शायर कहकर बदनाम ना कर मैं
शायर कहकर बदनाम ना कर,
मैं तो
रोज़ शाम को दिनभर का ‘हिसाब’ लिखता हूँ !
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Shaam Shayari – फिर नहीं लौटा वक़्त वो शाम और मेरा चैन
फिर नहीं लौटा,
वक़्त,
वो शाम,
और
मेरा चैन !!
Shaam Shayari – उसने कहा हम दिन और
उसने कहा हम दिन और रात जैसे है, कभी एक नही हो सकते…
मेने कहा आओ शाम को मिलते है
Shaam Shayari – उफ़्फ़! कितनी बार कहा हैं
उफ़्फ़! कितनी बार कहा हैं, शाम ढले याद आया ना करो…
शाम की चाय ज़्यादा मिट्ठी हो जाती हैं…!!
Shaam Shayari – जिंदगी की हर सुबह कुछ
जिंदगी की हर सुबह कुछ शर्ते ले कर आती है,
जिंदगी की हर शाम कुछ तजुर्बे दे कर जाती है !!
Shaam Shayari – रात सारी तड़पते रहेंगे हम
रात सारी तड़पते रहेंगे हम अब,
आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को..!!
Aankh Shayari – शाम से आंख में नमीं सी
शाम से आंख में नमीं सी है,
आज फिर आपकी कमी सी है !