Ehsaan Shayari – खुदगर्ज़ की बस्ती में एहसान S4S July 5, 2017 Uncategorized Comments खुदगर्ज़ की बस्ती में एहसान भी एक गुनाह हैं, जिसे तैरना सिखाओ वही डुबाने को तैयार रहता हैं।