Majboori Shayari – मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ S4S March 25, 2017 Uncategorized Comments मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से, वर्ना शौक तो अब भी है बारिशों में भीगने का…