किसने कहा था की खुशियाँ बांटने से बढती है,
आजकल खुशियाँ बाँट दो तो दुश्मन बढ़ जाते है !!
Dushman Shayari – दुश्मन भी हमारी हालत पे
दुश्मन भी हमारी हालत पे हंस कर बाेला,
जिसका हम कुछ ना कर पाये,
उसका माैहबबत ने क्या हाल कर दिया…!!!
Dushman Shayari – कम्बखत दिल पर चोट खाने
कम्बखत दिल पर चोट खाने की आदत सी पड़ गयी है,
वरना हम भला क्यों दुश्मनों से मिलने लगे..!!
Dushman Shayari – अँधेरे अब नहीं डसते उजाले
अँधेरे अब नहीं डसते, उजाले वार करते हैं;
जो दुश्मन भी नहीं करते, वो मेरे अपने करते हैं..
Dushman Shayari – हमारे दोस्तों में कोई दुश्मन
हमारे दोस्तों में कोई दुश्मन हो भी सकता है..
ये अँग्रेज़ी दवाएँ है, रिएक्शन हो भी सकता है..
Dillagi Shayari – किसी ने दिल्लगी जाना मगर हमारा
किसी ने दिल्लगी जाना,मगर हमारा दिल
ख़ुदा का घर था,मुसाफ़िर क़ियाम रखते थे.!!
Dillagi Shayari – अब लगा भी दिल तब
अब लगा भी दिल तब दिल्लगी होगी
हम उस पे अपनी मुह्ब्बत तमाम कर आऐ!
Dillagi Shayari – बेहतर तो है यही के
बेहतर तो है यही के न दुनिया से दिल लगे,
पर क्या करें जो काम न बे-दिल्लगी चले !!
Dillagi Shayari – नसीम-ए-सुबह गुलशन में गुलों से
नसीम-ए-सुबह गुलशन में गुलों से खेलती होगी,
किसी की आखरी हिचकी किसी की दिल्लगी होगी !!
Dillagi Shayari – ये मज़ा था दिल्लगी का
ये मज़ा था दिल्लगी का कि बराबर आग लगती,
न तुम्हें क़रार होता न हमें क़रार होता !!