खामोशी के भी अपने अल्फाज़ होते हैं …
अगर तुम समझ जाते तो आज मेरे करीब होते।
खामोशी के भी अपने अल्फाज़ होते हैं …
अगर तुम समझ जाते तो आज मेरे करीब होते।
चल हो गया फैसला कुछ कहना ही नहीं …तू
जी ले मेरे बगैर मुझे जीना ही नहीं..💔💔
दो आँखो में…दो ही आँसू….एक तेरे लिए,
एक तेरी खातिर..!!😢💔
तकिये क़े नीचे दबा क़े रखे हैँ तुम्हारे ख़याल..एक तेरा अक्स,
एक तेरा इश्क़ ,ढेरोँ सवाल और तेरा इंतज़ार ……..
प्यार में मेरे सब्र का इम्तेहान तो देखो… वो मेरी ही बाँहों में
सो गए… किसी और के … लिए रोते रोते…
दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते! गम के आंसू न बहाते तो और
क्या करते! उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ! हम खुद को न जलाते तो और क्या करते!
हमारी किस्मत तो आसमान पे चमकते सितारों की तरह है…
लोग अपनी तमन्ना के लिए हमारे टूटने का इंतजार करते है…
ना उजाड़ ए ख़ुदा किसी के आशियाने को….
बहुत वक़्त लगता है एक छोटा सा घर बनाने को…
अगर “बेवफाओं” की अलग ही दुनिया होती
तो मेरी वाली वहाँ की “रानी” होती..!!
काश ये इश्क भी चुनावों की तरह होता… हारने के बाद
विपक्ष में बैठकर कम से कम दिल खोलकर बहस तो कर लेते…