लिख देना ये अल्फाज मेरी कबर पे मोत अछी है,
मगर दिल का लगाना अच्छा नहीं ।
लिख देना ये अल्फाज मेरी कबर पे मोत अछी है,
मगर दिल का लगाना अच्छा नहीं ।
ज्यादा कुछ नहीं बदला उसके और मेरे बीच में
पहले नफरत नहीं थी अब मोहब्बत नहीं हैं ।
मुझ से बदनसीब कौन होगा …
मेरी कंधे पे सिर रख कर वो रोया भी तो किसी और के लिए ..!