दर्द भी वो दर्द जो दवा बन जाये !
मुश्किलें बढ़ें तो आसां बन जाये !!
जख्म पा कर सिर झुका देता हूँ !
जाने कौन पत्थर ख़ुदा बन जाये !!
दर्द भी वो दर्द जो दवा बन जाये !
मुश्किलें बढ़ें तो आसां बन जाये !!
जख्म पा कर सिर झुका देता हूँ !
जाने कौन पत्थर ख़ुदा बन जाये !!
काश मेरी ज़िन्दगी का अंत कुछ इस तरह हो,
की मेरी कबर पे बना उनका घर हो,
वो जब जब सोये ज़मीन पर,
मेरे सीने से लगा उसका सर हो…
जिंदगी देने वाले, मरता छोड़ गये,
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये.
मिटाना भी चाहूँ
तो भी मिटा नही सकता…!!
उसका नाम अपने दिल से…
क्यूंकि मिटाए तो वो जाते हैं
जो गलती से लिखे जाते हैं…!
लोग कहते हैं कि इश्क मत करो,
कि हुस्न सर पे सवार हो जाये,
हम कहते हैं कि इश्क इतना करो,
कि पत्थर दिल को भी तुमसे प्यार हो जाये.
एक समंदर जो मेरे काबू में है
और इक कतरा है जो संभलता नही,
एक जिंदगी है जो तुम्हारे बगैर बितानी है
और इक लमहा है जो गुजरता नहीं ।
उसके लिये सारी दुनिया से बगावत की थी!
याद आता है हमने भी कभी महोब्बत की थी!
उसके छोड़कर हँसते हुये घर आकर,
इतना रोये थे कि आँखों ने भी शिकायत की थी!
मोहब्बत को मोहब्बत से मोहब्बत हो गयी,
मोहब्बत ही मोहब्बत पे फ़िदा हो गयी,
जब मोहब्बत को मोहब्बत की मोहब्बत न मिली तो.
मोहब्बत ही मोहब्बत पर फनाह हो गयी.
हर रोज़ पीता हूँ तेरे छोड़ जाने के ग़म में,
वर्ना पीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं,
बहुत याद आते है तेरे साथ बिताए हुये लम्हें,
वर्ना मर मर के जीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं|
उमर की राह मे रास्ते बदल जाते हैं
वक़्त की आँधी मे इंसान बदल जाते हैं
सोचते हैं आपको इतना याद ना करें
लेकिन आँख बंद करते ही इरादे बदल जाते है…