मेरी फितरत में नहीं है किसी से नाराज होना…
नाराज वो होते हैं जिन को अपने आप पे गुरूर होता है……!!
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Guroor Shayari – चांद को गुरूर है की
चांद को गुरूर है की उसके पास नूर है
ऐसे चांद से क्या फायदा जो कोसो मुझसे दूर है
Guroor Shayari – अजीब लोगों का बसेरा है
अजीब लोगों का बसेरा है तेरे शहर में,
ग़ुरूर में मिट जाते हैं मगर याद नहीं करते..!
Guroor Shayari – आज सुबह का सूरज बिलकुल
आज सुबह का सूरज बिलकुल आप जैसा निकला है,
वही खूबसूरती,
वही नूर,
वही गुरूर,
वही सुरूर,
और वही आपकी तरह हमसे बहुत दूर.
Guroor Shayari – अब तो यह तन्हाईयां भी
अब तो यह तन्हाईयां भी गुरूर
करती है,
जबसे तुने छोडा है दामन
मेरा……..??
Guroor Shayari – मंज़िल पाना तो बहुत दूर
मंज़िल पाना तो बहुत दूर की बात हैं।
गुरूर में रहोगे तो रास्ते भी न देख पाओगे।।
Guroor Shayari – कोई ताल्लुक न जोड़ो मगर
कोई ताल्लुक न जोड़ो मगर सामने तो रहो…..
तुम अपने गुरूर में खुश, और हम अपने सुरूर में खुश !!!!
Guroor Shayari – लाजिमी है उसका खुद पे
लाजिमी है उसका खुद पे गुरूर करना,
हम जिसे चाहे वो मामूली हो भी नही सकती…..
Guroor Shayari – चमक सूरज की नहीं मेरे
चमक सूरज की नहीं मेरे किरदार की है
खबर ये आसमाँ के अखबार की है
मैं चलूँ तो मेरे संग कारवाँ चले….
बात गुरूर की नहीं, ऐतबार की है..
Guroor Shayari – नज़र को अपनी परख पे
नज़र को अपनी परख पे बड़ा ग़ुरूर था…
दिल में तू बस गया , दिल का क़सूर था !!