हर गम ने, हर सितम ने,नया होंसला दिया,
मुझको मिटाने वालो ने, मुझको बना दिया !
Tag: hausla shero shayari
Hausla Shayari – हो सकती है जिन्दगी में
हो सकती है जिन्दगी में मोहोब्बत दोबारा भी..
बस होंसला चाहिए फिर से बर्बाद होने का
Hausla Shayari – जो सफर की शुरुआत करते
जो सफर की शुरुआत करते हैं,
वो मंज़िल को पार करते हैं,
एकबार चलने का होंसला तो रखो,
मुसाफिरों का तो रस्ते भी इंतज़ार करते हैं।
Hausla Shayari – ये राहें ले ही जाएंगी
ये राहें ले ही जाएंगी मंज़िल तक होंसला रख,
कभी सुना है कि अंधेरो ने सवेरा होने ना दिया।
Hausla Shayari – जी में आता है उलट
जी में आता है उलट दें उन के चेहरे से नक़ाब
हौसला करते हैं लेकिन हौसला होता नहीं
Hausla Shayari – जब टूटने लगे
जब टूटने लगे हौसले तो बस ये याद रखना,
बिना मेहनत के हासिल तख्तो ताज नहीं होते,
ढूँढ़ ही लेते है अंधेरों में मंजिल अपनी,
जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते…..!
Hausla Shayari – रख हौसला वो मंज़र भी
रख हौसला, वो मंज़र भी आएगा
प्यासे के पास चल के, समंदर भी आयेंगा
थक कर ना बैठ, ए मंजिल के मुसाफिर
मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आएगा
Hausla Shayari – मंजिल उन्ही को मिलती है जिनके
मंजिल उन्ही को मिलती है
जिनके सपनो में जान होती है
पंख से कुछ नहीं होता
हौसलों से उड़ान होती है
Hausla Shayari – कभी महक की तरह हम
कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं
कभी धुएं की तरह पर्वतों से उड़ते हैं
ये केचियाँ हमें उड़ने से खाक रोकेंगी
की हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं
Hausla Shayari – मन्ज़िल न दे चराग़ न
मन्ज़िल न दे चराग़ न दे हौसला तो दे
तिनके का ही सही तू मगर आसरा तो दे