खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं,
धुआं बनकर पर्वतों से उड़ा करते हैं,
ये कैंचियाँ खाक हमें उड़ने से रोकेगी,
हम परों से नहीं हौसलों से उड़ा करते हैं.
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Khushboo Shayari – बडी खामोशी से भेजा था
बडी खामोशी से भेजा था गुलाब उसको…
पर खुशबू ने शहर भर में तमाशा कर दिया.
Khushboo Shayari – हवाँए हड़ताल पर है शायद आज
हवाँए हड़ताल पर है शायद,,,
आज तुम्हारी खुशबू नहीं आई….
Khushboo Shayari – हम तो फूलों की तरह
हम तो फूलों की तरह अपनी आदत से बेबस हैं
तोड़ने वाले को भी खुशबू की सजा देते है …
Khushboo Shayari – उगता हुआ सूरज दुआ दे
उगता हुआ सूरज दुआ दे आपको!
खिलता हुआ फूल खुशबू दे आपको!
हम तो कुछ देने के काबिल नहीं है!
देने वाला हज़ार खुशिया दे आपको!
Khushboo Shayari – इश्क के फूल खिलते हैं
इश्क के फूल खिलते हैं तेरी खूबसूरत आंखों में..,
जहां देखे तू एक नजर वहां खुशबू बिखर जाए॥….
Khushboo Shayari – अपने किरदार को मौसम से
अपने किरदार को मौसम से बचाए रखना !
लौट कर फूलों में वापस नहीं आती खुशबू.
Khushboo Shayari – तन्हाईयां जाने लगी जिंदगी मुस्कुराने
तन्हाईयां जाने लगी जिंदगी मुस्कुराने लगी,
ना दिन का पता है ना रात का पता.
आप की दोस्ती की खुशबू हमे महकाने लगी,
एक पल तो करीब आ जाओ धड़कन भी आवाज़ लगाने लगी..
Khushboo Shayari – गुलाब की खुशबू भी फीकी
गुलाब की खुशबू भी फीकी लगती है,
कौन सी खूशबू मुझमें बसा गई हो तुम,
जिंदगी है क्या तेरी चाहत के सिवा,
ये कैसा ख्वाब आंखों में दिखा गई हो तुम.
Khushboo Shayari – सिर्फ खुशबू रही गुलाब नहीं
सिर्फ खुशबू रही, गुलाब नहीं |
तेरी यादों का भी जवाब नहीं ||