जब भी देखता हूँ तेरी मोहब्बत की पाकीज़गी
दिल करता है तेरी रूह को काला टीका लगा दूँ…
जब भी देखता हूँ तेरी मोहब्बत की पाकीज़गी
दिल करता है तेरी रूह को काला टीका लगा दूँ…
अगर कहो तो आज बता दूँ मुझको तुम कैसी लगती हो।
मेरी नहीं मगर जाने क्यों, कुछ कुछ अपनी सी लगती हो।
मुश्किल भी तुम हो, हल भी तुम हो ,
होती है जो सीने में ,वो हलचल भी तुम हो …
दो बूंद मेरे प्यार की पी ले,
जिन्दगी सारी नशे मे गुज़र जाएगी.
तू वैसी ही है जैसा मैं चाहता हूँ…
बस..
मुझे वैसा बना दे जैसा तू चाहती है…..